द काल ऑफ द टाइम (COTT) इस परिसंवाद की प्रेरणा ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी के द्वारा मिली। पिछले 15 साल से परिसंवाद आयोजित किया जा रहा है जिसमें विश्व के अनेकानेक देशों के समाज के विभिन्न क्षेत्रों के पांचों खण्डों के उच्च पदस्थ नेताओं को एक साथ लाया जाता है। इनमें से कईयों ने इस परिसंवाद में कई बार भाग लिया है। यह संगठन उनकी निरन्तर व्यक्तिगत और आध्यात्मिक यात्रा का सूचक है। इन परिसंवादों की शुरुआत समाज और राजनीति के विभिन्न विषयों पर चर्चा सत्रों के रूप में हुई।
हालांकि 1999 में ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय के भारत स्थित माउण्ट आबू के मुख्यालय में हुई परिचर्चा के एक सत्र में इसे नया मोड़ मिला। एक दिन दोपहर में सभी सहभागियों को शान्ति और चिन्तन के लिए मेडिटेशन के विशेष स्थानों पर ले जाया गया। उस दिन से यह महसूस किया गया कि शान्ति और चिन्तन में बिताया गया यह समय इस तरह की परिचर्चा का महत्वपूर्ण अभिन्न हिस्सा होना चाहिए। "क्योंकि परिचर्चा का उद्देश्य ही होता है कि हम अच्छी तरह से सुनें, उसे अपने में समा लें जिससे मन की शान्ति और एकाग्रता के अनुशासन में विशेष रूप से सहायता मिलती है। वरिष्ठ प्रवक्ता पीटर सेन्ज, एम आई टी, स्लोन स्कूल आफ मैनेजमेन्ट, के संस्थापक सदस्य , सोसाइटी फॉर आर्गनाइजेशनल लर्निंग, को फेसिलिटेटर काल ऑफ टाइम डायलॉग।
दो पत्रिकायें जिन्होंने शान्ति पर प्रयोग किये - प्वाइंटस आफ इन्ट्री और अ माइण्ड दैट इज क्वालिफाइड टू सर्व, जिन्हें फेडसर इन्सटीट्यूट, जो वैज्ञानिक प्रयोगों को सहायता करती है, के सहयोग से निकाली गई। इस संस्था के द्वारा चेतना, आध्यात्मिकता और मन तथा शरीर का सम्बन्ध पर विशेष अध्ययन किया जाता है।
द काल आफ द टाइम परिचर्चा के बारे में अधिक जानकारी हेतु सम्पर्क करें यह ईमेल पता spambots से संरक्षित किया जा रहा है. आप जावास्क्रिप्ट यह देखने के सक्षम होना चाहिए.